सोमवार, 5 अक्तूबर 2020

केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर जी श्री नरेंद्र मोदीजी के साथ EPS 95 पेंशन बढ़ोतरी पर चर्चा करेंगे, ईपीएस 95 पेंशनधारको के साथ बैठक संपन्न

देश के 65 लाख पेंशनधारको के लिए EPS 95 पेंशन बढ़ोतरी के लिए संघर्ष कर रही राष्ट्रिय संघर्ष समिति की गोवा की टीम ने 4 अक्टूबर 2020 को श्री रमेश सेतेय वायनकर के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर को सीएम गोवा की उपस्थिति में प्रतिनिधित्व दिया है और 65 लाख ईपीएस 95 पेंशनर्स की मांगो को जल्द से जल्द मंजूर करने की गुजारिश की है जिसपर श्री जावड़ेकर ने आश्वासन दिया, की वह गोवा से दिल्ली लौटने के बाद श्री नरेंद्र मोदीजी  के साथ EPS 95 पेंशन बढ़ोतरी के इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।

सभी ईपीएस 95 पेंशनधारकों को अवगत है की वर्तमान केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर जी ने पहले भी 2014 के चुनाव के समय ईपीएस 95 पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन वृद्धि के लिए वादा किया था। हलाकि यह भी अवगत हो की ईपीएस 95 पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन जो पहले बहुत कम थी उसे न्यूनतम 1000/- रुपये प्रति महीने करने में जावड़ेकर जी ने अहम् भूमिका निभाई थी। साथ ही उनके द्वारा पूर्व में यह भी कहा गया था की उनकी सरकार सत्ता में आई तो कोशियर समिति की शिफारसो के अनुसार पेंशन में बढ़ोतरी की जाएगी पर अभी तक ऐसा नहीं हुआ है।

EPS 95 पेंशनधारकों की मांगे विस्तार से (DEMANDS OF EPS 95 PENSIONERS)

I) भगत सिंह कोश्यारी कमिटी द्वारा 2013 में प्रस्तावित ₹3000 एवं महंगाई उस पर महंगाई भत्ता के आधार पर न्यूनतम ₹7500 प्रति माह पेंशन एवं उस पर महंगाई भत्ता दीया जावे।

II) 31 मई 2017 की अनधिकृत अंतरिम अनुशंसा को निरस्त कर आयुक्त केंद्रीय भविष्य निधि संगठन के दिनांक 23 मार्च 2017 के अनुसार बढ़ी हुई दरों से पेंशन जारी की जावे।

III) समस्त ईपीएस 95 पेंशनरों को मुक्त चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जावे।

IV)अज्ञानतवश जिन कर्मचारियों ने ईपीएस 95 पेंशन के सदस्य नहीं बन पाए उन्हें सदस्य बनाया जावे एवं तब तक सम्मानजनक जीवन जीने के लिए ₹5000 प्रतिमाह पेंशन के रूप में दिया जावे।

ईपीएस में कैसे होता है अंशदान

EPS-95 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPS) की कर्मचारी पेंशन योजना है। EPS (कर्मचारी पेंशन योजना), 95 के तहत आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन (बेसिक और महंगाई भत्ता) का 12 प्रतिशत हिस्सा भविष्य निधि (Provident fund) में जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 प्रतिशत हिस्से में से 8.33 प्रतिशत EPS में जाता है। 

यदि ईपीएफ खाताधारक 10 साल या उससे ज्यादा ईपीएफओ में अपना अंशदान करता है तो वह पेंशन का पात्र बन जाता है और खाताधारक की उम्र 58 वर्ष की होने के पश्चात् यह पैसा एक केल्क्युलेशन के हिसाब से, पेंशन के रूप में एक राशि, प्रति महीने खाताधारक को मिलती है।

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